1.
बड़ा अरमान था आपसे मिलने का,
शिकवा है आपके खामोश रहने का,
दीवानगी इससे बड़कर क्या होगी,
आज भी इंतजार है आपके मुस्कराने का।
२.
ये लम्हें साथ हॊ न हॊं,
कल में आज जैसी बात हॊ ना हॊ।
जिंदगी के हसीन लम्हें साथ रहेंगे,
चाहे सारी उम्र हमारी मुलाकात हॊ न हॊ।
३.हस्सी ने लबों पे तिरकना छोड़ दिया है
ख्वाबों ने पलकों पे आना छोड़ दिया है
नही आती अब तो हिचकियाँ भी,
शायद आप ने भी याद करना छोड़ दिया ।
४.क्या सोचते हो?
हर रिश्ते का अंज़ाम शायद यही होता है,
बनता है,फलता-फूलता है,
बिगडता है और टूट जाता है,
क्यूँ करे किसी से, शिकायत कोई
हर रिश्ता एक ज़ख्म दे जाता है,
हाँ लेकिन....
हर ज़ख्म की सूरत कुछ अलग होती है,
तभी तो रात भर नही सो पाया,
यह सोचते हुए,
रिश्तो की नीव जो कभी,
बहुत मज़बूत दिखायी देती है॥
उसकी जड मे भी,इतनी नमी क्यूँ होती है........